हर खुशी पल भर की होती है,
फिर वही दर्द लौट आता है। 💔😢
जब इंसान अंदर से टूट जाता है,
तो उसकी आंखों में आंसू भी नहीं आते। 😢🔥
दर्द की ऐसी आदत हो गई,
कि अब कोई भी तकलीफ महसूस ही नहीं होती। 😞🔥
हर खुशी अधूरी लगती है,
जब दर्द की आदत बन जाए। 😢🔥
अपने ही हमें ठुकरा गए,
अब गैरों से कोई शिकायत नहीं। 💔😞
हाल पूछने वाले भी अब नजर नहीं आते,
सब अपने काम में मशरूफ हो गए। 💔😢
जिंदगी से शिकवा भी नहीं रहा,
अब तो बस इसे जैसे तैसे जी रहे हैं। 😢🔥
कुछ तकलीफें ऐसी हैं,
जिन्हें शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। 💔😢
हम तो बस मुस्कुराते हैं,
पर अंदर से कितने टूटे हैं, कोई नहीं जानता। 😢🔥
जब कोई अपना पास नहीं होता,
तो तन्हाई ही सबसे बड़ी साथी बन जाती है। 😢🔥
जितना सहा, उतना ही टूटा,
अब दर्द भी अपना सा लगता है। 😢🔥
हम अपनी मुस्कान के पीछे,
कई आंसुओं को छिपाए बैठे हैं। 💔😢
जिन्हें चाहा था दिल से,
उन्होंने ही हमें सबसे ज्यादा रुलाया। 💔😞
चाहा था जिंदगी को खुशनुमा बनाएंगे,
पर हालातों ने हर खुशी छीन ली। 😢🔥
जिंदगी से हार गए,
अब और कोई जंग लड़ने का मन नहीं। 😞🔥
अकेले चलने की आदत बना ली,
क्योंकि यहां कोई हाथ थामने नहीं आया। 😞🔥
हर दिन उम्मीद करता हूं कुछ अच्छा होगा,
पर जिंदगी फिर वही दर्द दोहरा देती है। 💔🥀
दर्द इतना गहरा है,
कि अब कोई मरहम असर नहीं करता। 😢🔥
जब अपनों से दर्द मिले,
तो गैरों से कोई शिकायत नहीं रहती। 💔😢
जब अपनों का ही सहारा न मिले,
तो फिर दूसरों से क्या उम्मीद करें। 💔😢
परेशान जिंदगी शायरी
दर्द जब हद से बढ़ जाता है,
तो इंसान हंसते-हंसते रो पड़ता है। 💔😢
सोचा था जिंदगी आसान होगी,
पर हर रास्ता मुश्किलों से भरा निकला। 😞🔥
हर किसी को अपने मतलब से फुर्सत नहीं,
कौन सुनेगा हमारी तकलीफें। 😢🔥
जिंदगी से कोई उम्मीद नहीं रही,
हर खुशी बस एक सपना लगती है। 💔🥀
कोई हाल पूछे भी तो क्या कहें,
हम तो खुद ही अपनी तलाश में हैं। 💔😞
हम तो रो भी नहीं सकते,
क्योंकि हमें हंसते रहने की आदत जो है। 😞🔥
इस बेदर्द दुनिया में कोई अपना नहीं,
सब अपने मतलब से आते-जाते हैं। 💔🥀
अपने ही दर्द दे जाएं,
तो गैरों से क्या शिकवा करें। 💔🥀
दुनिया मतलब की है,
यह समझने में ही पूरी जिंदगी निकल गई। 😢🔥
अपनी तकलीफें हम खुद ही सह लेते हैं,
अब किसी को बताने का मन नहीं करता। 💔🥀
अपनी किस्मत को कोसते हैं,
पर शायद यही हमारी तकदीर में लिखा था। 💔😢
किसे सुनाएं अपनी दास्तान,
यहां हर कोई अपने ग़म में डूबा है। 💔🥀
अकेले रहना अब आसान हो गया,
क्योंकि भरोसा करने वाले नहीं बचे। 💔🥀
जिनसे उम्मीद थी,
उन्होंने ही सबसे पहले छोड़ दिया। 😞🔥
अपने ही छूट गए,
अब परायों से कोई गिला नहीं। 😢🔥
जिंदगी अब एक बोझ सी लगती है,
क्योंकि हर दिन एक नया दर्द देती है। 😢🔥
तकलीफें बढ़ती गईं,
और हम चुपचाप सहते गए। 💔🥀
एक वक्त था जब हर खुशी हमारी थी,
अब हर ग़म हम पर भारी है। 😞🔥
किससे कहें दिल की बात,
यहां हर कोई सुनने से पहले ही चला जाता है। 😞🔥
अब किसी से कोई उम्मीद नहीं,
क्योंकि हर किसी ने दिल दुखाया है। 😞🔥
तकदीर ने ऐसा खेल खेला,
कि अब हंसने का मन ही नहीं करता। 💔🥀
दर्द की आदत हो गई है,
अब कोई तकलीफ महसूस ही नहीं होती। 💔😞
हर रात बस यही सोचते हैं,
कब खत्म होगी यह दर्द भरी कहानी। 💔😢
अकेलेपन का इतना सुकून मिला,
कि अब किसी अपने की जरूरत ही नहीं। 😞🚶♂️
जब अपने ही पराए बन जाएं,
तो दर्द का अंदाजा कोई कैसे लगाए? 😞🔥
वक्त ने हमें इतना सिखा दिया,
कि अब किसी से कोई उम्मीद नहीं रखते। 🕰️💔
भरोसा था जिन पर,
उन्होंने ही सबसे बड़ा धोखा दिया। 💔🥀
किसी से क्या शिकायत करें,
अब तो अपने ही बेगाने हो गए। 💔🥀
जब अपने ही पराए हो जाएं,
तो फिर किसी और से क्या उम्मीद करें। 💔🥀
हम तन्हाई से अब डरते नहीं,
क्योंकि यह हमारी सबसे बड़ी दोस्त बन गई है। 😞🔥