“मैं अपने विचारों में केवल एक व्यक्ति हूं, जो अपने क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।”
मनुष्य का जीवन महान विचारों से बनता है।
शिक्षा और संगठन की ताकत से ही हम अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की शिक्षा देता है।
अगर आप बड़े सपने देखते हैं, तो उस सपने को पूरा करने की क्षमता भी होनी चाहिए।
Dr Br Ambedkar Quotes in Hindi :
मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
जो लोग सच्चाई की राह पर चलते हैं, वे कभी नहीं हारते।
Bhimrao Ambedkar Quotes in Hindi :
हो सकता है कि समानता एक कल्पना हो, पर विकास के लिए यह ज़रूरी है।
कमजोर वर्गों को संगठित करना ही सच्चा नेतृत्व है।
संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का एक माध्यम है।
“ज्ञान शक्ति सबसे महान है।”
“धर्म तो इसे सिखाता है कि कैसे जीना है, लेकिन समाजिक विज्ञान यह सिखाता है कि कैसे धर्म को बनाए रखना है।”
“व्यक्ति अपनी मंजिल तब तक नहीं पा सकता जब तक कि वह अपने सपनों का पीछा नहीं करता।”
मन का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते हैं, जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते हैं।
“मैं उनके संविधान में सभी विशेषताओं का समर्थन करता हूं जो भारत के लिए उपयुक्त हो।”
धर्म मनुष्य के लिए बना है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
धर्म वही है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का प्रचार करता है।
हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए।
धर्म वह है जो हमें दूसरों के साथ समान व्यवहार करना सिखाता है।
गुलामी चाहे मानसिक हो या शारीरिक, समाज को कमजोर बनाती है।
“जो भी मेरी दीर्घकालिक उद्देश्यों में मेरा सहायक है, उसे मैंने स्वीकार कर लिया है।”
अपनी सोच को बदलकर ही आप अपने जीवन को बदल सकते हैं।
एकता में इतनी शक्ति है कि हर असंभव कार्य संभव बन सकता है।
न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।
ज्ञान ही शक्ति है और इससे हमें अंधविश्वास से मुक्ति मिलती है।
जब तक समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति को न्याय नहीं मिलता, तब तक न्याय अधूरा है।
“सभी मनुष्य अपने आप में समान हैं, उनके अधिकार और कर्तव्य भी समान होने चाहिए।”
अगर मुझे लगा कि मेरे द्वारा बनाये गए संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा।
“शिक्षा के बिना जीवन अधूरा होता है।”
“मेरा एकमात्र मंत्र है – समर्पण।”
एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
स्वतंत्रता का असली मतलब जिम्मेदारी है।
जो लोग दूसरों के हक के लिए लड़ते हैं, वे सबसे महान होते हैं।
“हमें स्वतंत्र भारत के लिए समानता और सम्मान की दिशा में काम करना होगा।”
जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं, वे उसे दोहराने के लिए अभिशप्त हैं।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो।
“जो समाज में अपमानित है, वह वास्तविक देश भक्त नहीं हो सकता।”
मानवता का सबसे बड़ा धर्म समानता और भाईचारा है।
समाज में समानता स्थापित करने के लिए पहले खुद को शिक्षित करना होगा।
जो लोग कठिनाइयों का सामना करते हैं, वे ही असली विजेता होते हैं।

BR Ambedkar Quotes in Hindi
“जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा का महत्व अपार है।”
हम जो करते हैं, उसका असर केवल वर्तमान पर नहीं, भविष्य पर भी पड़ता है।
जब तक समाज में भेदभाव रहेगा, तब तक प्रगति अधूरी रहेगी।
अंधविश्वास और पुरानी मान्यताओं से बाहर निकलना ही प्रगति का रास्ता है।
समानता सिर्फ कानून में नहीं, बल्कि समाज में भी होनी चाहिए।
किसी भी समाज की उन्नति महिलाओं की उन्नति के बिना संभव नहीं है।
भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
“समाज का निर्माण समग्र मानव जाति के लाभ के लिए होना चाहिए।”
शिक्षा के माध्यम से मानव आवश्यक कौशल और ज्ञान की प्राप्ति करता है, जिससे सफलता मानव के पग पखारती है।
अपने आत्म-सम्मान की रक्षा करना ही सबसे बड़ी सफलता है।
व्यक्ति की सफलता उसकी सोच और मेहनत पर निर्भर करती है।
स्वतंत्रता का अर्थ है दूसरों को भी स्वतंत्रता देना।
मैं किसी समुदाय की प्रगति को उस समुदाय की महिलाओं की प्रगति से मापता हूं।
मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है।
जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
धर्म पर आधारित मूल विचार व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए एक वातावरण बनाना है।
कोई भी व्यक्ति तब तक स्वतंत्र नहीं है जब तक उसके पास ज्ञान नहीं है।
Br Ambedkar Quotes Hindi
“समाज में अपराधी होने के कारण किसी की निंदा नहीं की जानी चाहिए।”
किसी भी समाज का उत्थान उसके दलित वर्ग के उत्थान पर निर्भर करता है।
Ambedkar Quotes in Hindi
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं प्राप्त करते, तब तक कानून आपको स्वतंत्र नहीं बना सकता।
“अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति संकल्पित हो, तो तुम्हारी क्षमताओं को निश्चित रूप से दिखाई देगा।”
जो समाज शिक्षा के महत्व को नहीं समझता, वह हमेशा पिछड़ा रहेगा।
संविधान एक पवित्र ग्रंथ है, जिसका आदर और पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।
मनुष्य का जीवन समाज के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं।
जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।
“विज्ञान अनगिनत विचारों का रहस्य है।”
मनुष्य न अपने जन्म से महान बनता है, न अपने धर्म से, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है।
धर्म वह है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को सिखाता है।
मनुष्य जीवन में जो भी कठिनाइयाँ आती हैं, वह मन की शक्ति से ही दूर हो सकती हैं।
शिक्षा वह शस्त्र है जो समाज को बदलने की ताकत रखता है।
शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है, जिसका उपयोग आप समाज को बदलने के लिए कर सकते हैं।
“मेरा मानना है कि अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति निष्ठा रखते हो, तो तुम उसे प्राप्त कर सकते हो।”
शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाता है।
किसी भी समाज की प्रगति उसकी महिलाओं की स्थिति से मापी जाती है।
“उत्तम परिणाम उत्तम प्रयासों से होते हैं।”
जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बताये वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
धर्म का उद्देश्य जीवन को सेवा और समानता के पथ पर ले जाना है।
“विश्वास करो कि अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति पूरी श्रद्धा रखते हो, तो तुम उसे जरूर पा सकते हो।”
जब व्यक्ति अपने अधिकारों को समझता है, तब ही समाज में बदलाव आता है।
“जो भी मेरी रोकथाम में आता है, उसे मैं अपने स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए खरीद लेता हूं।”
संघर्ष के बिना प्रगति संभव नहीं।
समाज में न्याय का मतलब है सभी के लिए समान अवसर।
एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है, जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जाएं।
कानून का पालन तभी संभव है जब समाज में समानता हो।
जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते, वे कुछ भी बदल नहीं सकते।
“अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति निष्ठा रखते हो, तो तुम्हारी सफलता निश्चित है।”
उदासीनता सबसे खतरनाक बीमारी है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।
अगर समाज को सुधारना है, तो सबसे पहले शिक्षा को सुधारना होगा।
शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के प्रति जागरूक बनना है।
हर व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए, यही सच्चा लोकतंत्र है।
“व्यक्ति अपने सपनों को जीवंत रखने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति चाहिए।”
जो बदलाव लाने की क्षमता रखता है, वही समाज को आगे बढ़ा सकता है।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
क़ानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है। जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
जिन्दा रहने का असली मतलब दूसरों के लिए जीना है।
शिक्षा का यही महत्व है कि वह समाजहित में सदैव प्रयासरत रहती है, तांकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके।
शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, यही सफलता का मूल मंत्र है।
मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना।
“मैं सिर्फ ज़िन्दगी के बारे में सोचता हूं जो मुझे विश्वास दिलाता है कि मैं अच्छा काम कर सकता हूं।”
इतिहास गवाह है जब नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष हुआ है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।
अधिकारों को तब तक मत छोड़ो जब तक समाज में समानता स्थापित न हो।
मैं राजनीतिक सुख भोगने नहीं बल्कि नीचे दबे हुए अपने भाईओं को अधिकार दिलाने आया हूँ।
शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
बिना मेहनत के कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
आप स्वाद को बदल सकते हैं परन्तु जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
मेरी प्रशंसा और जय-जय कार करने से अच्छा है, मेरे दिखाये गए मार्ग पर चलो।
शिक्षा को किसी विशेष धर्म या संप्रदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
मैं एक समुदाय की प्रगति को उसके महिलाओं की स्थिति से मापता हूँ।
संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है।
इस पूरी दुनिया में गरीब वही है, जो शिक्षित नहीं है। इसलिए आधी रोटी खा लेना, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना।
“शिक्षा ही वह ताकत है जो आपको नकारात्मकता से बचाती है।”
जो समाज अपने अधिकारों के लिए लड़ता है, वही अपने अस्तित्व को सुरक्षित रख पाता है।
यदि समाज में सुधार लाना है तो सबसे पहले उस समाज को शिक्षित बनाना होगा।
संघर्ष ही जीवन की असली पहचान है, बिना संघर्ष के सफलता अधूरी है।
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसकी अज्ञानता है।
“शिक्षा ही वह दर्शन है, जो हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचाता है।”
गरीब और अमीर के बीच की खाई को शिक्षा से पाटा जा सकता है।
“शिक्षा सबसे बड़ा धन है जो हमें हमारी ज़िन्दगी के लिए तैयार करती है।”
“यदि हम अपने देश के विकास को सही दिशा में लाना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।”
विद्यार्थी की पहचान ज्ञान से होती है, फिर चाहे उनकी जाति, धर्म, या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
समाजवाद के बिना दलित-मेहनती इंसानों की आर्थिक मुक्ति संभव नहीं।
“मेरे विचारों में, सबसे बड़ी शक्ति हमारे स्वाधीनता की भावना है।”
हमारे देश के संविधान में मतदान का अधिकार एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है।
जाति और धर्म के आधार पर व्यक्ति को न आंकें, उसके विचारों को देखें।
जीवन में अधिकारों का महत्व तब तक है जब तक कर्तव्य को न भूलें।
अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता ही सच्ची स्वतंत्रता है।
शिक्षा वह शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं।
जाति व्यवस्था को खत्म करना ही सच्चा समाज सुधार है।
“धर्म एक होने पर भारत एक हो सकता है, नहीं तो नहीं।”
यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
व्यक्ति अपने विचारों से महान बनता है, न कि अपने जन्म से।
समाज में भेदभाव को खत्म करना ही सबसे बड़ी सेवा है।
सच्चा नेता वही होता है जो जनता के हितों के लिए कार्य करता है।
भेदभाव और असमानता का अंत करना ही सच्चा धर्म है।
शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।
गरीबों और कमजोरों को सशक्त बनाना ही विकास है।
एक महान व्यक्ति अपनी आलोचना से घबराता नहीं, बल्कि उसे सुधारने का प्रयास करता है।
ज्ञान ही सच्ची शक्ति है, इसे हासिल करने का प्रयास करो।
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इतिहास में बदलाव लाने वाले लोग हमेशा संघर्ष करने वाले होते हैं।
Dr Ambedkar Quotes in Hindi
जीवन में सही दिशा में चलना सबसे महत्वपूर्ण है, न कि कितनी दूर जा रहे हैं।
अपने अधिकारों को कभी भी दूसरों की दया पर निर्भर मत होने दो।
“सबसे बड़ी सफलता उस व्यक्ति के लिए है, जो अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ता जा रहा है।”
“सत्य कभी कमजोर नहीं होता।”
स्वाभिमान और आत्मसम्मान के बिना जीवन व्यर्थ है।
हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक उद्देश्य होना चाहिए।
जब तक समाज में शांति, भाईचारा और समानता नहीं होगी, तब तक प्रगति अधूरी है।
किसी भी देश का असली विकास उसकी न्याय व्यवस्था से होता है।
जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है।
Ambedkar Thoughts in Hindi
हम आदि से अंत तक भारतीय हैं।
इंसान की पहचान उसके कर्म से होती है, न कि जाति या धर्म से।
किसी भी समाज का मूल्यांकन उसकी सबसे कमजोर कड़ी से किया जाता है।
देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहियें।
अपने प्रयासों से अपने जीवन को बेहतर बनाओ, किसी और पर निर्भर मत रहो।
स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
समाज की सच्ची सेवा वही है जिसमें न्याय, समानता और भाईचारा हो।
जो लोग दूसरों को आगे बढ़ाते हैं, वही समाज के सच्चे नेता हैं।
“धर्म एक होने पर ही भारत एक हो सकता है।”
संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं हैं जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते।
संविधान केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा है।
आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ी ताकत है।
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
“समाजिक विशेषज्ञता को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है।”
“शिक्षा के बिना सभी विशेषताएँ निरर्थक होती हैं।”
अच्छे विचार ही व्यक्ति को महान बनाते हैं।
जो व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए लड़ता है, वही दूसरों को भी प्रेरित करता है।
समाज में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले अपनी सोच में बदलाव लाना होगा।
जब कोई मनुष्य अपने अधिकारों के लिए खड़ा होता है, तो वह समाज को जगाता है।
समानता से बड़ा कोई सिद्धांत नहीं है।
समाज का विकास तभी संभव है जब महिलाओं को समान अधिकार मिलें।
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
“मेरा विश्वास है कि समाज की सभी समस्याओं का समाधान शिक्षा में है।”
जो लोग इतिहास भूल जाते हैं, वे कभी नया इतिहास नहीं बना सकते।
संविधान में जितनी ताकत है, उतना ही उसका पालन भी जरूरी है।
समानता केवल कानून में नहीं, समाज में भी होनी चाहिए।
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समानता सिर्फ अधिकारों में नहीं, बल्कि अवसरों में भी होनी चाहिए।
वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।
हमें अपने संघर्षों को ताकत में बदलना होगा।
हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें, यही विकास का असली मार्ग है।
विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा व्यावहारिक और उपयोगी होनी चाहिए।
संविधान का असली उद्देश्य समाज में समानता और न्याय को स्थापित करना है।
अगर हमें अपने जीवन को सफल बनाना है, तो शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना होगा।
समय हमेशा बदलता है और हमें समय के साथ बदलना चाहिए।
हमें अपने पांव पर खड़े होना चाहिए और स्वाभिमान के साथ जीना चाहिए।
महान प्रयासों के बिना महान उपलब्धियां नहीं मिलतीं।
डॉक्टर अंबेडकर ने सभी के लिए समान शिक्षा के अवसरों पर जोर दिया।
देश का निर्माण उसकी शिक्षा पर निर्भर करता है।
समाज में बदलाव लाने के लिए पहले खुद को बदलना आवश्यक है।
न्याय तभी मिलता है जब हर वर्ग को समान अवसर मिले।
“सबसे बड़ी विशेषता उस व्यक्ति की होती है, जो अपनी सोच के लिए निश्चित रहता है।”
एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न है कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता है।
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
धर्म को कभी भी तर्क और विवेक के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।
मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेंगी। उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है।
किसी भी समाज का उत्थान उसकी महिलाएं शिक्षित होने पर निर्भर करता है।
समानता और स्वतंत्रता का असली अर्थ समाज में एकता लाना है।
अधिकार तब तक महत्वहीन हैं, जब तक उन्हें हासिल करने का साहस न हो।
धर्म का आधार मानवता होनी चाहिए, अंधविश्वास नहीं।
“मैं भारतीय संविधान में अपने देशवासियों के लिए एक शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए बहुत प्रेरित हूं।”
ज्ञान, समानता, और स्वतंत्रता ही समाज का असली आधार है।
स्वतंत्रता का अर्थ केवल शारीरिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि आत्मा और मन की स्वतंत्रता भी है।
किसी भी समाज का विकास उसके दलित वर्ग के उत्थान पर निर्भर करता है।
किसी भी देश का भविष्य उसकी नई पीढ़ी पर निर्भर करता है।
अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होना जरूरी है।
एक इतिहासकार सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए।
“जब तक शिक्षा का प्राथमिकता नहीं बनाया जाता, तब तक देश का विकास सम्भव नहीं हो सकता।”
अपने विकास के लिए सबसे पहले शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो।
शिक्षा सदैव धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिए।
आत्म-सम्मान के बिना कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र नहीं हो सकता।
जाति और धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत का सम्मान करना चाहिए।
न्याय, स्वतंत्रता, और समानता समाज के मूल स्तंभ हैं।
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल करते, कानून आपको कुछ नहीं देगा।
पति–पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ठ मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए।
भाग्य में विश्वास करने के बजाय अपनी ताकत पर भरोसा करो।
जब तक आप दूसरों की भलाई के लिए काम नहीं करेंगे, तब तक आपको सच्चा सुख नहीं मिलेगा।
जीवन में अनुशासन का होना सबसे महत्वपूर्ण है।
किसी समाज की प्रगति का मापदंड वहां की महिलाओं की स्थिति है।
शिक्षा वह शस्त्र है, जिससे समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
“मेरा मानना है कि विद्यालय का शिक्षक भी अगर स्वार्थपर हो तो वह विद्यालय की उच्चतम गुणवत्ता नहीं बढ़ा सकता।”
शिक्षा का असली उद्देश्य लोगों को स्वतंत्र विचारक बनाना है।
अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी होती है, कोई और नहीं लड़ेगा।
आत्म-सम्मान के बिना जीवन अधूरा है।
संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, यह एक जीता-जागता मार्गदर्शक है।
“सबसे बड़ी विशेषता उस व्यक्ति की होती है, जो अपनी क्षमताओं को सही समय पर पहचानता है।”
व्यक्ति अपने विचारों से ही महान बनता है।
एक समाज तभी सफल हो सकता है जब उसमें सभी के लिए समान अवसर हों।
राजनीति में हिस्सा ना लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है।
समाज को बदलना हो तो सबसे पहले मानसिकता को बदलना होगा।