अधिकारों को तब तक मत छोड़ो जब तक समाज में समानता स्थापित न हो।
“मेरा एकमात्र मंत्र है – समर्पण।”
व्यक्ति अपने विचारों से महान बनता है, न कि अपने जन्म से।
“धर्म एक होने पर ही भारत एक हो सकता है।”
“यदि हम अपने देश के विकास को सही दिशा में लाना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।”
भेदभाव और असमानता का अंत करना ही सच्चा धर्म है।
आत्म-सम्मान के बिना कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र नहीं हो सकता।

BR Ambedkar Quotes in Hindi
“जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा का महत्व अपार है।”
जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं, वे उसे दोहराने के लिए अभिशप्त हैं।
राजनीति में हिस्सा ना लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है।
मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेंगी। उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है।
उदासीनता सबसे खतरनाक बीमारी है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।
जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
“समाज का निर्माण समग्र मानव जाति के लाभ के लिए होना चाहिए।”
“शिक्षा सबसे बड़ा धन है जो हमें हमारी ज़िन्दगी के लिए तैयार करती है।”
समाज का विकास तभी संभव है जब महिलाओं को समान अधिकार मिलें।
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल करते, कानून आपको कुछ नहीं देगा।
संघर्ष के बिना प्रगति संभव नहीं।
जो लोग इतिहास भूल जाते हैं, वे कभी नया इतिहास नहीं बना सकते।
अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होना जरूरी है।
व्यक्ति की सफलता उसकी सोच और मेहनत पर निर्भर करती है।
अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता ही सच्ची स्वतंत्रता है।
धर्म मनुष्य के लिए बना है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
अपने आत्म-सम्मान की रक्षा करना ही सबसे बड़ी सफलता है।
जाति और धर्म के आधार पर व्यक्ति को न आंकें, उसके विचारों को देखें।
अगर समाज को सुधारना है, तो सबसे पहले शिक्षा को सुधारना होगा।
“सभी मनुष्य अपने आप में समान हैं, उनके अधिकार और कर्तव्य भी समान होने चाहिए।”
“व्यक्ति अपने सपनों को जीवंत रखने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति चाहिए।”
जो लोग दूसरों के हक के लिए लड़ते हैं, वे सबसे महान होते हैं।
जाति व्यवस्था को खत्म करना ही सच्चा समाज सुधार है।
“धर्म तो इसे सिखाता है कि कैसे जीना है, लेकिन समाजिक विज्ञान यह सिखाता है कि कैसे धर्म को बनाए रखना है।”
महान प्रयासों के बिना महान उपलब्धियां नहीं मिलतीं।
आत्म-सम्मान के बिना जीवन अधूरा है।
इतिहास गवाह है जब नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष हुआ है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।
जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
जिन्दा रहने का असली मतलब दूसरों के लिए जीना है।
धर्म को कभी भी तर्क और विवेक के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
“जो भी मेरी रोकथाम में आता है, उसे मैं अपने स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए खरीद लेता हूं।”
न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।
स्वतंत्रता का अर्थ केवल शारीरिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि आत्मा और मन की स्वतंत्रता भी है।
शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है, जिसका उपयोग आप समाज को बदलने के लिए कर सकते हैं।
हमारे देश के संविधान में मतदान का अधिकार एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है।
समाज में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले अपनी सोच में बदलाव लाना होगा।
मनुष्य का जीवन समाज के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं।
बिना मेहनत के कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना।
संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं हैं जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते।
देश का निर्माण उसकी शिक्षा पर निर्भर करता है।
अपने अधिकारों को कभी भी दूसरों की दया पर निर्भर मत होने दो।
“सबसे बड़ी विशेषता उस व्यक्ति की होती है, जो अपनी सोच के लिए निश्चित रहता है।”
शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।
न्याय तभी मिलता है जब हर वर्ग को समान अवसर मिले।
समानता सिर्फ अधिकारों में नहीं, बल्कि अवसरों में भी होनी चाहिए।
संघर्ष ही जीवन की असली पहचान है, बिना संघर्ष के सफलता अधूरी है।
शिक्षा का असली उद्देश्य लोगों को स्वतंत्र विचारक बनाना है।
“मेरा मानना है कि विद्यालय का शिक्षक भी अगर स्वार्थपर हो तो वह विद्यालय की उच्चतम गुणवत्ता नहीं बढ़ा सकता।”
किसी भी समाज की उन्नति महिलाओं की उन्नति के बिना संभव नहीं है।
स्वतंत्रता का अर्थ है दूसरों को भी स्वतंत्रता देना।
जब तक समाज में शांति, भाईचारा और समानता नहीं होगी, तब तक प्रगति अधूरी है।
शिक्षा वह शस्त्र है, जिससे समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
“समाजिक विशेषज्ञता को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है।”
हमें अपने संघर्षों को ताकत में बदलना होगा।
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का एक माध्यम है।
न्याय, स्वतंत्रता, और समानता समाज के मूल स्तंभ हैं।
एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न है कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता है।
संविधान एक पवित्र ग्रंथ है, जिसका आदर और पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।
किसी भी देश का असली विकास उसकी न्याय व्यवस्था से होता है।
ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते हैं, जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते हैं।
अधिकार तब तक महत्वहीन हैं, जब तक उन्हें हासिल करने का साहस न हो।
मन का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
समाज की सच्ची सेवा वही है जिसमें न्याय, समानता और भाईचारा हो।
शिक्षा को किसी विशेष धर्म या संप्रदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
शिक्षा के माध्यम से मानव आवश्यक कौशल और ज्ञान की प्राप्ति करता है, जिससे सफलता मानव के पग पखारती है।
संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, यह एक जीता-जागता मार्गदर्शक है।
अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी होती है, कोई और नहीं लड़ेगा।
एक समाज तभी सफल हो सकता है जब उसमें सभी के लिए समान अवसर हों।
अपने प्रयासों से अपने जीवन को बेहतर बनाओ, किसी और पर निर्भर मत रहो।
जो समाज शिक्षा के महत्व को नहीं समझता, वह हमेशा पिछड़ा रहेगा।
जब तक समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति को न्याय नहीं मिलता, तब तक न्याय अधूरा है।
शिक्षा सदैव धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिए।
अगर हमें अपने जीवन को सफल बनाना है, तो शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना होगा।
शिक्षा का यही महत्व है कि वह समाजहित में सदैव प्रयासरत रहती है, तांकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके।
गरीबों और कमजोरों को सशक्त बनाना ही विकास है।
“शिक्षा के बिना जीवन अधूरा होता है।”
विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा व्यावहारिक और उपयोगी होनी चाहिए।
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।
जो व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए लड़ता है, वही दूसरों को भी प्रेरित करता है।
इंसान की पहचान उसके कर्म से होती है, न कि जाति या धर्म से।
देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहियें।
हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए।
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संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है।
शिक्षा वह शस्त्र है जो समाज को बदलने की ताकत रखता है।
“अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति निष्ठा रखते हो, तो तुम्हारी सफलता निश्चित है।”
जब तक आप दूसरों की भलाई के लिए काम नहीं करेंगे, तब तक आपको सच्चा सुख नहीं मिलेगा।
समानता से बड़ा कोई सिद्धांत नहीं है।
कमजोर वर्गों को संगठित करना ही सच्चा नेतृत्व है।
क़ानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है। जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
सच्चा नेता वही होता है जो जनता के हितों के लिए कार्य करता है।
“मैं भारतीय संविधान में अपने देशवासियों के लिए एक शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए बहुत प्रेरित हूं।”
गुलामी चाहे मानसिक हो या शारीरिक, समाज को कमजोर बनाती है।
समय हमेशा बदलता है और हमें समय के साथ बदलना चाहिए।
Br Ambedkar Quotes Hindi
“समाज में अपराधी होने के कारण किसी की निंदा नहीं की जानी चाहिए।”
अपनी सोच को बदलकर ही आप अपने जीवन को बदल सकते हैं।
जाति और धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत का सम्मान करना चाहिए।
जब कोई मनुष्य अपने अधिकारों के लिए खड़ा होता है, तो वह समाज को जगाता है।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
“मैं उनके संविधान में सभी विशेषताओं का समर्थन करता हूं जो भारत के लिए उपयुक्त हो।”
एकता में इतनी शक्ति है कि हर असंभव कार्य संभव बन सकता है।
“जब तक शिक्षा का प्राथमिकता नहीं बनाया जाता, तब तक देश का विकास सम्भव नहीं हो सकता।”
“जो भी मेरी दीर्घकालिक उद्देश्यों में मेरा सहायक है, उसे मैंने स्वीकार कर लिया है।”
“सबसे बड़ी विशेषता उस व्यक्ति की होती है, जो अपनी क्षमताओं को सही समय पर पहचानता है।”
भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
मेरी प्रशंसा और जय-जय कार करने से अच्छा है, मेरे दिखाये गए मार्ग पर चलो।
समाजवाद के बिना दलित-मेहनती इंसानों की आर्थिक मुक्ति संभव नहीं।
“हमें स्वतंत्र भारत के लिए समानता और सम्मान की दिशा में काम करना होगा।”
मैं एक समुदाय की प्रगति को उसके महिलाओं की स्थिति से मापता हूँ।
डॉक्टर अंबेडकर ने सभी के लिए समान शिक्षा के अवसरों पर जोर दिया।
मैं किसी समुदाय की प्रगति को उस समुदाय की महिलाओं की प्रगति से मापता हूं।
धर्म का उद्देश्य जीवन को सेवा और समानता के पथ पर ले जाना है।
एक इतिहासकार सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए।
हर व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए, यही सच्चा लोकतंत्र है।
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
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Dr Br Ambedkar Quotes in Hindi :
मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
जो बदलाव लाने की क्षमता रखता है, वही समाज को आगे बढ़ा सकता है।
समाज में न्याय का मतलब है सभी के लिए समान अवसर।
जीवन में अधिकारों का महत्व तब तक है जब तक कर्तव्य को न भूलें।
शिक्षा और संगठन की ताकत से ही हम अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
समानता और स्वतंत्रता का असली अर्थ समाज में एकता लाना है।
मानवता का सबसे बड़ा धर्म समानता और भाईचारा है।
शिक्षा वह शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं।
ज्ञान, समानता, और स्वतंत्रता ही समाज का असली आधार है।
यदि समाज में सुधार लाना है तो सबसे पहले उस समाज को शिक्षित बनाना होगा।
हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें, यही विकास का असली मार्ग है।
शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
“मेरे विचारों में, सबसे बड़ी शक्ति हमारे स्वाधीनता की भावना है।”
शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के प्रति जागरूक बनना है।
विद्यार्थी की पहचान ज्ञान से होती है, फिर चाहे उनकी जाति, धर्म, या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक उद्देश्य होना चाहिए।
“मैं सिर्फ ज़िन्दगी के बारे में सोचता हूं जो मुझे विश्वास दिलाता है कि मैं अच्छा काम कर सकता हूं।”
आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ी ताकत है।
मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है।
कोई भी व्यक्ति तब तक स्वतंत्र नहीं है जब तक उसके पास ज्ञान नहीं है।
“उत्तम परिणाम उत्तम प्रयासों से होते हैं।”
जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।
जीवन में अनुशासन का होना सबसे महत्वपूर्ण है।
“धर्म एक होने पर भारत एक हो सकता है, नहीं तो नहीं।”
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसकी अज्ञानता है।
धर्म वह है जो हमें दूसरों के साथ समान व्यवहार करना सिखाता है।
किसी भी समाज की प्रगति उसकी महिलाओं की स्थिति से मापी जाती है।
ज्ञान ही सच्ची शक्ति है, इसे हासिल करने का प्रयास करो।
Ambedkar Thoughts in Hindi
हम आदि से अंत तक भारतीय हैं।
Dr Ambedkar Quotes in Hindi
जीवन में सही दिशा में चलना सबसे महत्वपूर्ण है, न कि कितनी दूर जा रहे हैं।
जब तक समाज में भेदभाव रहेगा, तब तक प्रगति अधूरी रहेगी।
संविधान केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा है।
इस पूरी दुनिया में गरीब वही है, जो शिक्षित नहीं है। इसलिए आधी रोटी खा लेना, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना।
“मेरा मानना है कि अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति निष्ठा रखते हो, तो तुम उसे प्राप्त कर सकते हो।”
आप स्वाद को बदल सकते हैं परन्तु जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते, वे कुछ भी बदल नहीं सकते।
“अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति संकल्पित हो, तो तुम्हारी क्षमताओं को निश्चित रूप से दिखाई देगा।”
अच्छे विचार ही व्यक्ति को महान बनाते हैं।
अगर आप बड़े सपने देखते हैं, तो उस सपने को पूरा करने की क्षमता भी होनी चाहिए।
जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बताये वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, यही सफलता का मूल मंत्र है।
भाग्य में विश्वास करने के बजाय अपनी ताकत पर भरोसा करो।
“विज्ञान अनगिनत विचारों का रहस्य है।”
“विश्वास करो कि अगर तुम अपने उद्देश्यों के प्रति पूरी श्रद्धा रखते हो, तो तुम उसे जरूर पा सकते हो।”
किसी भी समाज का विकास उसके दलित वर्ग के उत्थान पर निर्भर करता है।
एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
धर्म का आधार मानवता होनी चाहिए, अंधविश्वास नहीं।
धर्म वह है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को सिखाता है।
जो लोग सच्चाई की राह पर चलते हैं, वे कभी नहीं हारते।
एक महान व्यक्ति अपनी आलोचना से घबराता नहीं, बल्कि उसे सुधारने का प्रयास करता है।
धर्म पर आधारित मूल विचार व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए एक वातावरण बनाना है।
जो लोग दूसरों को आगे बढ़ाते हैं, वही समाज के सच्चे नेता हैं।
“ज्ञान शक्ति सबसे महान है।”
“सबसे बड़ी सफलता उस व्यक्ति के लिए है, जो अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ता जा रहा है।”
Ambedkar Quotes in Hindi
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं प्राप्त करते, तब तक कानून आपको स्वतंत्र नहीं बना सकता।
किसी भी देश का भविष्य उसकी नई पीढ़ी पर निर्भर करता है।
स्वतंत्रता का असली मतलब जिम्मेदारी है।
हम जो करते हैं, उसका असर केवल वर्तमान पर नहीं, भविष्य पर भी पड़ता है।
समाज में भेदभाव को खत्म करना ही सबसे बड़ी सेवा है।
समाज को बदलना हो तो सबसे पहले मानसिकता को बदलना होगा।
इतिहास में बदलाव लाने वाले लोग हमेशा संघर्ष करने वाले होते हैं।
शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाता है।
समाज में समानता स्थापित करने के लिए पहले खुद को शिक्षित करना होगा।
गरीब और अमीर के बीच की खाई को शिक्षा से पाटा जा सकता है।
कानून का पालन तभी संभव है जब समाज में समानता हो।
जो समाज अपने अधिकारों के लिए लड़ता है, वही अपने अस्तित्व को सुरक्षित रख पाता है।
मैं राजनीतिक सुख भोगने नहीं बल्कि नीचे दबे हुए अपने भाईओं को अधिकार दिलाने आया हूँ।
धर्म वही है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का प्रचार करता है।
किसी समाज की प्रगति का मापदंड वहां की महिलाओं की स्थिति है।
जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है।
“व्यक्ति अपनी मंजिल तब तक नहीं पा सकता जब तक कि वह अपने सपनों का पीछा नहीं करता।”
“सत्य कभी कमजोर नहीं होता।”
अंधविश्वास और पुरानी मान्यताओं से बाहर निकलना ही प्रगति का रास्ता है।
अपने विकास के लिए सबसे पहले शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो।
“शिक्षा ही वह ताकत है जो आपको नकारात्मकता से बचाती है।”
किसी भी समाज का मूल्यांकन उसकी सबसे कमजोर कड़ी से किया जाता है।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो।
ज्ञान ही शक्ति है और इससे हमें अंधविश्वास से मुक्ति मिलती है।
किसी भी समाज का उत्थान उसकी महिलाएं शिक्षित होने पर निर्भर करता है।
समानता सिर्फ कानून में नहीं, बल्कि समाज में भी होनी चाहिए।
व्यक्ति अपने विचारों से ही महान बनता है।
पति–पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ठ मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए।
मनुष्य जीवन में जो भी कठिनाइयाँ आती हैं, वह मन की शक्ति से ही दूर हो सकती हैं।
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
“मैं अपने विचारों में केवल एक व्यक्ति हूं, जो अपने क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।”
अगर मुझे लगा कि मेरे द्वारा बनाये गए संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा।
वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।
“जो समाज में अपमानित है, वह वास्तविक देश भक्त नहीं हो सकता।”
समाज में बदलाव लाने के लिए पहले खुद को बदलना आवश्यक है।
किसी भी समाज का उत्थान उसके दलित वर्ग के उत्थान पर निर्भर करता है।
“शिक्षा ही वह दर्शन है, जो हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचाता है।”
मनुष्य का जीवन महान विचारों से बनता है।
जब व्यक्ति अपने अधिकारों को समझता है, तब ही समाज में बदलाव आता है।
एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है, जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जाएं।
जो लोग कठिनाइयों का सामना करते हैं, वे ही असली विजेता होते हैं।
हमें अपने पांव पर खड़े होना चाहिए और स्वाभिमान के साथ जीना चाहिए।
Bhimrao Ambedkar Quotes in Hindi :
हो सकता है कि समानता एक कल्पना हो, पर विकास के लिए यह ज़रूरी है।
मनुष्य न अपने जन्म से महान बनता है, न अपने धर्म से, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है।
“शिक्षा के बिना सभी विशेषताएँ निरर्थक होती हैं।”
“मेरा विश्वास है कि समाज की सभी समस्याओं का समाधान शिक्षा में है।”
स्वाभिमान और आत्मसम्मान के बिना जीवन व्यर्थ है।
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की शिक्षा देता है।
संविधान का असली उद्देश्य समाज में समानता और न्याय को स्थापित करना है।
यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
संविधान में जितनी ताकत है, उतना ही उसका पालन भी जरूरी है।
समानता केवल कानून में नहीं, समाज में भी होनी चाहिए।