जिंदगी की लंबाई नहीं परंतु गहराई मायने रखती है।

जिंदगी की लंबाई नहीं परंतु गहराई मायने रखती है।

अर्थघटन : जिंदगी की लंबाई नहीं परंतु गहराई मायने रखती है।

हम हमारी जिंदगी में कितना जीते हैं वह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि हम कैसा जीते हैं ।

दुनिया में सभी लोग वह पशु हो, पक्षी हो, इंसान हो, पेड़ पौधे हो । सारे लोग जीते हैं, परंतु इंसान एक ऐसा प्राणी है जो सबसे अच्छी जिंदगी जीता है।

तो इंसान को अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ करना चाहिए जो बाकी लोग नहीं कर पाते हैं । जिससे वह अपने जीवन को सार्थक कर सकता है ।

हम कितने साल जीते हैं वह महत्वपूर्ण नहीं है, हम जितने साल जिए उसमें हमने क्या-क्या किया है वह बहुत महत्वपूर्ण होता है । तो हमें हमारे जीवन में ऐसे काम करने चाहिए जो आने वाली पीढ़ियां हमें याद करें और हमसे कुछ प्रेरणा ले।

Read More  कभी टूटते हैं तो कभी बिखरते हैं विपत्तियों में ही इंसान ज्यादा निखरते है।
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