तत्पुरुष समास – परिभाषा, भेद और उदाहरण, Tatprush Samas

तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है, और पहले पद का उसके साथ किसी कारक संबंध (संबंध, हेतु, अपादान आदि) होता है। इसमें समस्त शब्द का अर्थ व्यापक बनता है, और इसे वाक्य में समझने के लिए संधि-विग्रह की आवश्यकता होती है।


तत्पुरुष समास के भेद:

  1. षष्ठी तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से षष्ठी (का/के/की) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • रामायणपाठ = रामायण का पाठ
      • सूरजप्रकाश = सूरज का प्रकाश
  2. कर्मधारय तत्पुरुष समास
    • इसमें दोनों पद समान भाव प्रकट करते हैं, और पहला पद विशेषण या विशेष्य का काम करता है।
    • उदाहरण:
      • नीलकमल = नीला कमल
      • गंगाजल = गंगा का जल
  3. द्वितीया तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से द्वितीया (को) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • ग्रामरक्षण = ग्राम का रक्षण
      • पुस्तकपठन = पुस्तक को पढ़ना
  4. तृतीया तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से तृतीया (से) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • जलप्लावन = जल से प्लावन
      • रक्तस्नान = रक्त से स्नान
  5. चतुर्थी तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से चतुर्थी (के लिए) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • देवपूजा = देव के लिए पूजा
      • राजसेवा = राजा के लिए सेवा
  6. पंचमी तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से पंचमी (से) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • वृक्षपतन = वृक्ष से पतन
      • गृहत्याग = घर से त्याग
  7. षष्ठी तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से षष्ठी (का/के/की) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • रामायणपाठ = रामायण का पाठ
      • सूरजप्रकाश = सूरज का प्रकाश
  8. सप्तमी तत्पुरुष समास
    • इसमें पहले पद का दूसरा पद से सप्तमी (में) संबंध होता है।
    • उदाहरण:
      • ग्रामवास = ग्राम में निवास
      • जलक्रीड़ा = जल में क्रीड़ा

तत्पुरुष समास के उदाहरण

समस्त पदविग्रहअर्थ
रामायणपाठरामायण + का + पाठरामायण का पाठ
सूर्यप्रकाशसूर्य + का + प्रकाशसूर्य का प्रकाश
गृहकार्यगृह + का + कार्यघर का कार्य
देशसेवादेश + के + लिए + सेवादेश के लिए सेवा
पुस्तकपठनपुस्तक + को + पठनपुस्तक को पढ़ना
ग्रामरक्षाग्राम + की + रक्षागाँव की रक्षा
देवपूजादेव + के + लिए + पूजादेव के लिए पूजा
आत्मरक्षाआत्म + की + रक्षास्वयं की रक्षा
जलप्लावनजल + से + प्लावनजल से बाढ़
रक्तदानरक्त + का + दानरक्त का दान
गृहत्यागगृह + से + त्यागघर का त्याग
ग्रामवासग्राम + में + निवासगाँव में निवास
नीलकमलनीला + कमलनीला रंग का कमल
गंगाजलगंगा + का + जलगंगा का जल
पुस्तकालयपुस्तक + का + आलयपुस्तकों का घर
वृक्षपतनवृक्ष + से + पतनपेड़ से गिरना
राजसेवाराजा + के + लिए + सेवाराजा के लिए सेवा
जनकल्याणजन + का + कल्याणजनता का कल्याण
विद्या अध्ययनविद्या + का + अध्ययनविद्या का अध्ययन
पर्वतारोहणपर्वत + का + आरोहणपर्वत पर चढ़ाई
नेत्रदाननेत्र + का + दानआँखों का दान
भगवतप्रसादभगवत + का + प्रसादभगवान का प्रसाद
चन्द्रप्रकाशचन्द्र + का + प्रकाशचन्द्रमा का प्रकाश
जलचरजल + में + चरजल में रहने वाला
नभचरनभ + में + चरआकाश में रहने वाला
मृदुभाषणमृदु + का + भाषणमीठा भाषण
धर्मपालनधर्म + का + पालनधर्म का पालन
बालशिक्षाबाल + की + शिक्षाबच्चों की शिक्षा
सत्याग्रहसत्य + का + आग्रहसत्य के लिए आग्रह
विश्वनाथविश्व + के + नाथदुनिया का स्वामी
शिवपूजनशिव + का + पूजनशिव की पूजा
रजतपटरजत + का + पटचाँदी का परदा
बालक्रीड़ाबाल + की + क्रीड़ाबच्चों की खेल
यशगानयश + का + गानप्रसिद्धि का गान
भाषानुवादभाषा + का + अनुवादभाषा का अनुवाद
मनोविज्ञानमन + का + विज्ञानमन का विज्ञान
मृगजलमृग + का + जलहिरण का जल (मिथ्या)
गजचालगज + का + चालहाथी की चाल
गजगामिनीगज + का + गामिनीहाथी जैसी चाल वाली
चन्दनवनचन्दन + का + वनचन्दन का वन
यज्ञकुंडयज्ञ + का + कुंडयज्ञ का कुंड
शीलवानशील + का + वानजिसके पास शील हो
धनवानधन + का + वानजिसके पास धन हो
बालकृपाबाल + की + कृपाबच्चों की कृपा
अश्वगतिअश्व + की + गतिघोड़े की गति
कुशासनकु + शासनबुरा शासन
विद्याधनविद्या + का + धनविद्या के रूप में धन
धनलक्ष्मीधन + की + लक्ष्मीधन की देवी
मित्रकार्यमित्र + का + कार्यमित्र का काम
सूर्यदेवसूर्य + के + देवसूर्य देवता
कृपादृष्टिकृपा + की + दृष्टिदया की दृष्टि
पुण्यफलपुण्य + का + फलपुण्य का फल

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

x
Scroll to Top