द्विगु समास – परिभाषा, भेद और उदाहरण, Dvigu Samas

द्विगु समास

द्विगु समास में पहला पद संख्यावाचक (संख्या या परिमाण बताने वाला) होता है, और दूसरा पद संज्ञा या विशेषण होता है। इसमें समस्त पद का अर्थ दूसरा पद प्रधान होकर प्रकट करता है।

  • संख्यावाचक पद: जैसे एक, दो, पाँच, आधा, सवा, डेढ़, इत्यादि।
  • परिमाणवाचक पद: जैसे सौ, हजार, अनेक, आदि।

द्विगु समास के भेद:

  1. संख्यावाचक द्विगु:
    • इसमें पहला पद संख्या को दर्शाता है।
    • उदाहरण:
      • पंचगव्य = पाँच गाएँ
      • त्रिलोक = तीन लोक
  2. परिमाणवाचक द्विगु:
    • इसमें पहला पद परिमाण को दर्शाता है।
    • उदाहरण:
      • सहस्रदल = हजार दल
      • सप्तसिन्धु = सात नदियाँ

द्विगु समास के उदाहरण

समस्त पदविग्रहअर्थ
त्रिलोकतीन + लोकतीनों लोक (पृथ्वी, स्वर्ग, पाताल)
सप्तसिन्धुसात + सिन्धुसात नदियाँ
पंचगव्यपाँच + गव्यपाँच प्रकार की चीजें (गाय से संबंधित)
दशाननदस + आननदस मुख (रावण)
त्रिवेणीतीन + वेणीतीन नदियों का संगम
एकपक्षएक + पक्षएक ओर
द्विराष्ट्रदो + राष्ट्रदो देश
चतुर्भुजचार + भुजचार भुजाएँ (भगवान विष्णु)
पंचतत्वपाँच + तत्वपाँच तत्व (जल, अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी)
अष्टविनायकआठ + विनायकआठ गणेश
द्वारकाधीशद्वारका + अधीशद्वारका का राजा (कृष्ण)
त्रिमूर्तितीन + मूर्तिब्रह्मा, विष्णु, महेश की मूर्तियाँ
सप्तऋषिसात + ऋषिसात ऋषियों का समूह
एकदंतएक + दंतएक दाँत वाले (गणेश)
नवग्रहनौ + ग्रहनौ ग्रह
द्विपददो + पददो पैर वाले जीव
दशमुखदस + मुखदस सिर वाला
षट्कोणछः + कोणछह कोनों वाली आकृति
अष्टांगआठ + अंगआठ अंग
द्विखंडदो + खंडदो भाग
त्रिलोचनतीन + लोचनतीन नेत्रों वाले (भगवान शिव)
सप्तपदीसात + पगसात कदम
चतुर्युगचार + युगचार युग (सत्य, त्रेता, द्वापर, कलियुग)
नवनीतनौ + नीतमक्खन (ताजा निकाला गया)
द्विपथदो + पथदो रास्ते
पंचशीलपाँच + शीलपाँच नियम
त्रिपथगातीन + पथ + गातीन रास्तों में बहने वाली नदी (गंगा)
सहस्रनामहजार + नामभगवान के हजार नाम
दशमुखीदस + मुखदस मुख वाली
षडरसछः + रसछह प्रकार के रस
द्वारपालद्वार + पालद्वार पर पहरा देने वाला
अष्टाध्यायीआठ + अध्यायआठ अध्यायों वाली
सप्तसागरसात + सागरसात समुद्र
त्रिकालतीन + कालतीन काल (भूत, वर्तमान, भविष्य)
दशवटीदस + वटीदस वृक्षों वाला
द्वितीयांशदूसरा + अंशदूसरा भाग
षट्पदछः + पदछः पैर वाला
पंचजन्यपाँच + जनपाँच जातियाँ
त्रिकुटीतीन + कुटीतीन चोटियों वाला पर्वत
सप्तर्षिसात + ऋषिसात ऋषियों का समूह
नवद्वारनौ + द्वारनौ द्वार वाला
षट्कर्मछः + कर्मछह कर्म
पंचरात्रपाँच + रात्रिपाँच रातों का समय
त्रिपथतीन + पथतीन मार्ग
सप्तचरणसात + चरणसात चरण
द्विभुजदो + भुजदो भुजाएँ
त्रिलोकनाथतीन + लोक + नाथतीनों लोकों का स्वामी
दशरथदस + रथदस रथों का समूह
त्रिकूटतीन + कूटतीन पर्वत
सप्तवर्णसात + वर्णइंद्रधनुष के सात रंग
त्रिविधतीन + विधतीन प्रकार का
एकांगीएक + अंशएक भाग
अष्टकोणआठ + कोणआठ कोनों वाली आकृति
द्विसप्तदो + सातचौदह
दशरथीदस + रथ + पुत्रदस रथों के स्वामी का पुत्र (राम)
षट्कोणीयछः + कोणीयछः कोणों वाला
नवचक्रनौ + चक्रनौ चक्र
त्रिनेत्रतीन + नेत्रतीन आँखें
चतुरंगचार + अंगचार अंग (सेना के)
पंचभूतपाँच + भूतपाँच तत्व
द्वितीयकालदूसरा + कालदूसरा समय
षट्संगीतछः + संगीतछः प्रकार के संगीत
सप्तवधूसात + वधूसात पत्नियाँ
चतुर्भागचार + भागचार भाग
नवद्वीपनौ + द्वीपनौ द्वीप
त्रिभुवनतीन + भुवनतीन लोक
त्रिदेवतीन + देवब्रह्मा, विष्णु, महेश

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