द्वन्द्व समास
द्वन्द्व समास में दोनों पद समान रूप से प्रधान होते हैं। इसमें समस्त शब्द का अर्थ दोनों पदों को मिलाकर होता है। समस्त पद में ‘और’, ‘एवं’, या ‘तथा’ जैसे शब्दों का लोप हो जाता है।
द्वन्द्व समास के भेद:
- समाहार द्वन्द्व:
- इसमें दोनों पद मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते हैं।
- उदाहरण:
- राम-लक्ष्मण = राम और लक्ष्मण का समूह
- माता-पिता = माता और पिता का जोड़ा
- इत्यादि द्वन्द्व:
- इसमें दूसरा पद प्रधान होता है, और बाकी पदों का संकेत मिलता है।
- उदाहरण:
- फल-फूल = फल और फूल
- राजा-प्रजा = राजा और प्रजा
- एकार्थक द्वन्द्व:
- इसमें दोनों पद समान अर्थ व्यक्त करते हैं।
- उदाहरण:
- सुख-दुःख = सुख और दुःख
- जीत-हार = जीत और हार
द्वन्द्व समास के उदाहरण
समस्त पद | विग्रह | अर्थ |
---|---|---|
माता-पिता | माता + और + पिता | माता और पिता |
राम-लक्ष्मण | राम + और + लक्ष्मण | राम और लक्ष्मण का समूह |
सुख-दुःख | सुख + और + दुःख | सुख और दुःख |
जन्म-मरण | जन्म + और + मरण | जीवन और मृत्यु |
दिन-रात | दिन + और + रात | पूरा समय |
फल-फूल | फल + और + फूल | फल और फूल |
राजा-प्रजा | राजा + और + प्रजा | राजा और उनकी प्रजा |
जल-थल | जल + और + थल | पानी और जमीन |
सूर्य-चन्द्र | सूर्य + और + चन्द्र | सूर्य और चन्द्रमा |
स्त्री-पुरुष | स्त्री + और + पुरुष | स्त्री और पुरुष |
देश-विदेश | देश + और + विदेश | देश और विदेश |
खेत-खलिहान | खेत + और + खलिहान | खेत और खलिहान |
भाई-बहन | भाई + और + बहन | भाई और बहन |
चोर-डाकू | चोर + और + डाकू | चोर और डाकू |
पक्षी-जानवर | पक्षी + और + जानवर | पक्षी और जानवर |
राग-द्वेष | राग + और + द्वेष | प्रेम और घृणा |
सुख-शांति | सुख + और + शांति | आराम और शांति |
अन्न-जल | अन्न + और + जल | खाना और पानी |
रंग-बिरंगे | रंग + और + बिरंगे | विभिन्न रंग |
गंगा-यमुना | गंगा + और + यमुना | गंगा और यमुना नदियाँ |
बाल-वृद्ध | बाल + और + वृद्ध | बच्चे और बूढ़े |
सुख-दुःख | सुख + और + दुःख | अच्छा और बुरा समय |
नाश-उपज | नाश + और + उपज | विनाश और उपज |
जीत-हार | जीत + और + हार | सफलता और असफलता |
धर्म-अधर्म | धर्म + और + अधर्म | पुण्य और पाप |
छाया-धूप | छाया + और + धूप | छाया और धूप |
शहर-गाँव | शहर + और + गाँव | शहर और गाँव |
जीवन-मृत्यु | जीवन + और + मृत्यु | जीना और मरना |
सत्य-असत्य | सत्य + और + असत्य | सच और झूठ |
शत्रु-मित्र | शत्रु + और + मित्र | दुश्मन और दोस्त |
भूमि-आकाश | भूमि + और + आकाश | जमीन और आकाश |
भोजन-वस्त्र | भोजन + और + वस्त्र | खाना और कपड़े |
मित्र-शत्रु | मित्र + और + शत्रु | दोस्त और दुश्मन |
पुण्य-पाप | पुण्य + और + पाप | अच्छे और बुरे कर्म |
दिन-रात | दिन + और + रात | चौबीस घंटे |
आग-पानी | आग + और + पानी | विपरीत तत्व |
फूल-पत्ती | फूल + और + पत्ती | फूल और पत्तियाँ |
राजा-रानी | राजा + और + रानी | राजा और रानी |
धन-धान्य | धन + और + धान्य | धन और अनाज |
पशु-पक्षी | पशु + और + पक्षी | जानवर और पक्षी |
आशा-निराशा | आशा + और + निराशा | उम्मीद और हताशा |
जीवन-मरण | जीवन + और + मरण | जीना और मरना |
हाथ-पाँव | हाथ + और + पाँव | हाथ और पैर |
जल-जंगल | जल + और + जंगल | पानी और जंगल |
नाम-यश | नाम + और + यश | प्रसिद्धि और कीर्ति |
रात-दिन | रात + और + दिन | चौबीस घंटे |
अमीर-गरीब | अमीर + और + गरीब | धनवान और निर्धन |
दुख-सुख | दुख + और + सुख | बुरा और अच्छा समय |
पर्व-त्योहार | पर्व + और + त्योहार | उत्सव और पर्व |
मानव-पशु | मानव + और + पशु | इंसान और जानवर |
क्षमा-दया | क्षमा + और + दया | क्षमा और कृपा |
भूमि-जल | भूमि + और + जल | जमीन और पानी |
हँसी-खुशी | हँसी + और + खुशी | प्रसन्नता |
प्रेम-द्वेष | प्रेम + और + द्वेष | प्यार और नफरत |
सत्य-असत्य | सत्य + और + असत्य | सच और झूठ |
नर-नारी | नर + और + नारी | पुरुष और स्त्री |
नाश-निर्माण | नाश + और + निर्माण | विनाश और निर्माण |
धूप-छाँव | धूप + और + छाँव | धूप और छाया |
राजा-प्रजा | राजा + और + प्रजा | राजा और जनता |
आँख-कान | आँख + और + कान | देखने और सुनने के अंग |
हाथ-पैर | हाथ + और + पैर | शरीर के अंग |
भोजन-पानी | भोजन + और + पानी | खाने और पीने की वस्तु |
धन-संपत्ति | धन + और + संपत्ति | पैसे और सामान |
दुख-सुख | दुख + और + सुख | जीवन के उतार-चढ़ाव |
समय-धन | समय + और + धन | समय और धन |
राजा-रानी | राजा + और + रानी | शासन करने वाले व्यक्ति |